महिमा तेरी अतुल अगम अपारा
तुमसा ही विशाल है संकल्प हमारा
नवायें शीश तव चरणों में आज
अपने शरणागत की रखना लाज (चौपाई 1)
शत नहीं सहस्त्र कोटि पुष्प चढ़ें
प्रभु श्रीराम जी का मंदिर दिव्य बने
रामराज सुख फिर लौट कर आवे
जनमानस मगन सौहाद्र से गाएं (चौपाई 2)
सकल साधु सज्जन अति आनंदित
प्रभा माधुर्य भक्ति शक्ति की मुदित
मिलकर करते हैं सभी यही आराधना
हे मारुती ! करलो स्वीकृत अब प्रार्थना (चौपाई 3)
भक्ति के आदर्श, शक्ति पुंज मारुती
भक्त करते है पुकार, सुनलो मारुती
प्रिय मारुती! महावीर मारुती!
हे रामदूत! अंजनीसुत! धीर मारुती!
जय जय मारुती!
जय जय जय जय मारुती! (1)
नवधा भक्ति की बयार, दो शक्ति अपार मारुती
करो संचार प्राण, सर्वजन कल्याण मारुती
हे ज्ञान गुण भंडार चिरंजीवी मारुती
हे रामदूत! अंजनीसुत! वीर मारुती!
जय जय मारुती!
जय जय जय जय मारुती! (2)
हे भीमरूपी ! महारूद्र मारुती !
सुंदर सिंदूरी ! रामभक्त मारुती !
हे शत्रु भंजन ! लोक रंजन !
रामदुलारे मारुती ! गुरुदेव मारुती !
जय जय मारुती !
जय जय जय जय मारुती ! (3)
पताका सनातन धर्म की !
विजय शौर्य साहस की !
हर्षित हो माँ भारती !
हो गर्वित पुण्यभूमि !
गीत गायें व्योम गगन !
महके सारा उपवन !
देव वृन्द करें गुणगान !
दें आशीष पूर्वज महान !
हे रामदूत! अंजनीसुत! वीर मारुती!
हे शत्रु भंजन ! लोक रंजन !
रामदुलारे मारुती ! गुरुदेव मारुती !
जय जय मारुती!
जय जय जय जय मारुती!
जय जय मारुती!
जय जय जय जय मारुती!
जय जय मारुती!
जय जय जय हो मारुती!
गीतकार – श्री गीत गोविंद साहू जी