हनुमान जी भगवान राम से सर्वप्रथम कब और कैसे मिले

हनुमान जी, हिन्दू धर्म के प्रमुख देवताओं में से एक हैं। वे हिन्दू धर्म के एक प्रमुख अवतार भगवान शिव के अंशीक्षण रूप में जाने जाते हैं। हनुमान जी की कथायें और उनके बारे में कहानियाँ हिन्दू धर्म में विशेष महत्व रखती हैं। उन्हें भक्तिभाव से याद किया जाता है और उनके चरित्र को आदर्श माना जाता है।

हनुमान जी और भगवान राम के मिलन की कथा रामायण में विस्तार से वर्णित है। रामायण के अनुसार, भगवान राम ने लंका के राजा रावण के पुत्र मेघनाद को मारने के लिए हनुमान जी को भेजा। हनुमान जी ने भगवान राम के आदेश का पालन करते हुए लंका जाकर मेघनाद के सामरिक शक्तियों का पता लगाया।

हनुमान जी ने लंका में अनेक कठिनाईयों का सामना किया, लेकिन वे अपनी भक्ति और शक्ति के आदान-प्रदान से सभी कठिनाइयों को पार कर लिया। उन्होंने मेघनाद को भी मार दिया और भगवान राम के साथ मिलकर लंका लौट आए। हनुमान जी ने भगवान राम के पास जाकर अपनी भक्ति और सेवा का प्रदर्शन किया। भगवान राम ने हनुमान जी को अपने प्रिय भक्त मानकर उन्हें आशीर्वाद दिया और उनकी सेवा की गरिमा को बढ़ाया।

हनुमान जी और भगवान राम के मिलन की यह कथा हिन्दू धर्म में विशेष महत्व रखती है। इसके अलावा भगवान हनुमान को एक बहुत बड़ा देवता माना जाता है और उनकी पूजा विशेष रूप से हनुमान्जयंती पर की जाती है। हनुमान जी की कृपा से हम भक्ति, शक्ति और सुख की प्राप्ति कर सकते हैं।

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